मसूरी झड़ीपानी में रेलवे की 317 एकड़ संपत्ति के सीमांकन किया जाने को लेकर स्थानीय प्रशासन, राजस्व विभाग और रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी झडीपानी पहुंचे परंतु कानूनगो के हाई कोर्ट जाने के कारण सीमांकन की कार्रवाई नहीं हो पाई। रेलवे के अधिकारियों द्वारा स्थानीय भू स्वामियों द्वारा पेश किए गए कागजात और नक्शे का भी निरीक्षण किया गया। रेलवे के अधिकारी एसएस रावत ने बताया कि मसूरी झड़ीपानी में रेलवे की 317 एकड़ जमीन है जिस पर कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है ऐसे में रेलवे द्वारा अपनी 317 एकड़ जमीन के सीमांकन कराए जाने को लेकर स्थानीय प्रशासन और राजस्व की टीम की मदद मांगी गई । उन्होने बताया कि कानूनगो के अनुपस्थित के कारण शुक्रवार को सिमांकन की कार्यवाही नही हो पाई। उन्होने बताया कि सोमवार को रेलवे की 317 एकड़ जमीन का सिमांकन सोमवार को होगा। उन्होने कहा कि रेलवे विभाग की मसूरी झडीपानी क्षेत्र में 317 एकड जमीन है जिसके पुख्ता प्रमाण और कागताज उनके पास मौजूद है। उन्होने कहा कि स्थानीय प्रषासन और राजस्व विभाग के सहयोग से रेलवे अपनी 317 एकड भूमि की सिमाकंन कर अपने कब्जे में लेना है जिसको लेकर 317 एकड भूमि का जमीनी स्तर पर सिंमाकन किया जाना है। उन्होंने कहा कि रेलवे के उच्च अधिकारियों द्वारा साफ निर्देश दिए गए हैं कि रेलवे की 317 एकड़ जमीन को पूर्ण रूप से अपने कब्जे में लिया जाना है और जिन लोगों ने रेलवे की जमीन पर कब्जा किया गया है उनको हटाया जाना है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले को लेकर उच्च उत्तम न्यायालय में भी वाद चल रहा हैै। उन्होंने कहा कि सोमवार को राजस्व विभाग, स्थानीय प्रशासन और रेलवे की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से रेलवे की जमीन का सीमांकन किया जाएगा।