टेस्ट ऑफ़ मिलेट्स कार्यक्रम मैं मोटे अनाज का लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया, वही मक्के के व्यजन के साथ झुगरें की खीर लोगों के आकर्षण का केंद्र

हल्द्वानी में अभ्युदय एक परिवर्तन संस्था द्वारा टेस्ट ऑफ मिलेट्स कार्यक्रम नैनीताल रोड स्थित मधुबन बैंक्विट हाल में सफल आयोजन किया गया, जहां सभी राजनीतिक दलों के साथ हल्द्वानी की जनता और बच्चों ने शिरकत की यहां पर लगे मक्के की विभिन्न व्यंजनों का स्वाद चखा तो झींगुरें की खीर का स्वाद लोगों की जुमान पर अंत तक रहा, उक्त कार्यक्रम में उत्तराखंड इन मोटे उत्पादों के प्रति उपस्थित लोगों ने जिस तरह खासी रुचि दिखाई उससे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मोटे अनाज के प्रति चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में गति मिलती दिखाई दी,

अभ्युदय एक परिवर्तन संस्था के संरक्षक भुवन जोशी ने कहा की उत्तराखंड में सदियों से मोटे अनाज की पारंपरिक खेती होती आ रही है. यहां इन्हें बारह नाजा (12 अनाज) के नाम से भी जाना जाता है ! जिस मिलेट्स यानी मोटे अनाज के पीछे आज पूरी दुनिया भाग रही है!

वह कभी उत्तराखंड का मुख्य भोजन था. और आज भी उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में इसकी खेती पारंपरिक तरीके से ही की जाती है. मिलेट्स यानी मोटा अनाज दुनिया के सबसे पुराने उत्पादित अनाजों में से हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी उपयोगिता को समझते हुए इसे श्री अन्न के नाम से सम्बोधित करते हुए इसे बजट का हिस्सा बनाया, वही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम के मिशन मिलट को स्वाद स्वास्थ्य और रोजगार से जोड़कर प्रदेश के लोगो को लगातार जागरूक किया जा रहा है,

भुवन जोशी ने कहा आधुनिकता की दौड़ में जहां यह मोटा अनाज केवल गरीबों की थाली तक सीमित रह गया था आज वह देश-विदेश में अमीरों की थाली की शोभा बढ़ा रहा है, निश्चित सरकार के प्रयासों से अल्प समय में यह अनाज उत्तराखंड स्वाद स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में एक अलग पहचान दिलाएगा!

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