कोचिंग सेंटर पर सरकारी चाबुक 16 वर्ष कम उम्र के छात्रों एडमिशन ना देने का फरमान जारी…

केंद्र सरकार की ओर से कोचिंग सेंटर रेगुलेशन 2024 के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। अब कोई भी कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को अपने संस्थान में दाखिला नहीं दे सकते हैं।देश में कोचिंग संस्थानों के मनमाने रवैये और छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी है।

भारत सरकार ने हाल ही में कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के अनुसार, अब कोई भी कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला नहीं दे पाएगा। इससे पहले, कोचिंग संस्थान 12वीं कक्षा से पहले भी बच्चों को दाखिला दे सकते थे। इसके अलावा, कोचिंग संस्थान किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी नहीं दे सकते हैं, जैसे कि रैंक या अच्छे अंक की गारंटी देना। इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानों को 25000 से 1 लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है!

सरकार के इस निर्णय लेने के पीछे के कारण .को जानिए…

सरकार का मानना है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोचिंग हानिकारक हो सकती है। यह बच्चों पर मानसिक दबाव डाल सकता है और उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित कर सकता है। इसके अलावा, 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई के लिए मानसिक रूप से पर्याप्त तैयार नहीं होते हैं। इस गाइडलाइन को जारी करने का मुख्य कारण कोचिंग में बच्चों के आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकना है। पिछले कुछ वर्षों में घटी कई घटनाओ में कोटा जैसे शहरों में कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली है।इनमें से कई मामलों में, आत्महत्या का कारण कोचिंग में पढ़ाई का दबाव बताया गया है।जो इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है!

कोचिंग संस्थाओं के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है?

(1) कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने सस्थान में एडमिशन नहीं दें सकते है!
(2) कोचिंग संस्थान किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी नहीं दे सकते हैं, जैसे अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी (3) कोचिंग संस्थान ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं कर सकते हैं (4) कोचिंग संस्थान किसी भी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त नहीं कर सकते हैं, जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। (5) कोचिंग संस्थान के पास एक परामर्श प्रणाली होनी चाहिए।
(6) कोचिंग संस्थान की वेबसाइट पर शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और लिए जाने वाले शुल्क का विवरण होना चाहिए।
(7) वे उन्हें टेस्ट से पहले स्टूडेंट्स को उस टेस्ट के डिफिकल्टी लेवल के बारे में बताना होगा।
(8) उन्हें अन्य करियर ऑप्शन्स के बारे में भी बताया जाए।
(9) मेंटल हेल्थ को लेकर समय-समय पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाए।
साथ ही दिव्यांग स्टूडेंट्स को सपोर्ट करने के लिए कोचिंग उन्हें उनके मुताबिक सुविधाएं प्रदान करे।
(10) फीस 10 दिन के अंदर वापस करनी होगी

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग केंद्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। छात्रों से अत्यधिक फीस वसूली, तनाव के चलते आत्महत्या, आग और अन्य दुर्घटनाओं के कारण जान जाने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

कोचिंग सेंटर्स द्वारा ली जाने वाली फीस को भी कण्ट्रोल करना होगा….

1) विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए ली जाने वाली ट्यूशन फीस उचित और तर्कसंगत होगी और इसकी रसीदें उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

(2) कोचिंग केंद्र नामांकित छात्रों को नोट्स और अन्य सामग्री बिना किसी अलग फीस के प्रदान करेंगे।

(3) यदि छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा भुगतान कर दिया है और वह निर्धारित अवधि के बीच में पाठ्यक्रम छोड़ देता है, तो छात्र को शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से आनुपातिक आधार पर 10 दिनों के भीतर शेष राशि वापस कर दी जाएगी। यदि छात्र कोचिंग केंद्र के छात्रावास में रह रहा है, तो छात्रावास की फीस और मेस फीस आदि भी वापस की जाएगी।

(4) किसी भी परिस्थिति में, वह फीस जिसके आधार पर किसी विशेष पाठ्यक्रम और अवधि के लिए नामांकन किया गया है, उसे पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान नहीं बढ़ाया जाएगा।

इस फैसले पर अविभावकों की चिंता बढ़ी

सरकार के इस आदेश के बाद कोचिंग संचालको में उहापौह की स्थिति बनने लगी है वही अब अविभावको का परेशान होना लाज़मी है, विभिन्न विषयो के सलेबस को पढ़ना पैरेंट्स के लिए टेड़ी खीर साबित होने लगी है, और अब अपने बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित है…

जारी गाइडलाइन के उलंघन पर भरना होगा जुर्माना…

कोचिंग गाइडलाइन के उल्लंघन करने पर जुर्माना लग सकता है। इन गाइडलाइन के अनुसार, कोचिंग संस्थानों को कई तरह की शर्तों का पालन करना होगा। अगर कोई संस्थान इन शर्तों का उल्लंघन करता है, तो पहली बार उस कोचिंग सेंटर पर 25000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।

कोचिंग गाइडलाइन के उल्लंघन के लिए लगने वाले जुर्माने की राशि 1 रुपये लाख तक हो सकती है। जुर्माने के अलावा, कोचिंग संस्थान का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है।

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